लघु
उत्तर -1- लेखक के पिता आर्य समाज से संबंध रखते थे और वे रानी मंडी के प्रधान थे।
उत्तर-2- लेखक के बचपन के समय में आर्य समाज का सुधारवादी आंदोलन पूरे जोर पर था।
उत्तर-3- लेखक की प्रिय पुस्तक 'स्वामी दयानंद' की एक जीवनी थी।
उत्तर-4- पिता जी ने लेखक से पाठ्यक्रम की पुस्तकें ध्यान से पढ़ने का वायदा करवाया।
दीर्घ
उत्तर 1- लेखक जब तीसरे दर्जे में भर्ती हुआ तो पिताजी ने लोकनाथ की दुकान से ताजा अनार का शर्बत मिट्टी के कुल्हड़ में पिलाया।
उत्तर 2- बचपन में लेखक के घर नियमित रूप से आर्यमित्र,साप्ताहिक वैदोदय,बालसखा और चमाचम नामक पत्रिका आती थी।
उत्तर 3- 'स्वामी दयानंद' की एक जीवनी रोचक शैली में लिखी हुई और अनेक चिंता से सुसज्जित थी इस पुस्तक में स्वामी दयानंद की जीवन से जुड़ी हुई अनेक रोमांचक घटनाओं का वर्णन था एक घटना लेखक के बालमन को बहुत रोमांचित करती थी इसी कारण बचपन में लेखक को स्वामी दयानंद जी की जीवनी पसंद आई।
उत्तर 4- देवदास फिल्म जिस उपन्यास पर आधारित थी । वह उपन्यास लेखक को के वापस आने में ही मिल गयी इसीलिए लेखक ने देवदास फिल्म नहीं देखी।
उत्तर -1- लेखक के पिता आर्य समाज से संबंध रखते थे और वे रानी मंडी के प्रधान थे।
उत्तर-2- लेखक के बचपन के समय में आर्य समाज का सुधारवादी आंदोलन पूरे जोर पर था।
उत्तर-3- लेखक की प्रिय पुस्तक 'स्वामी दयानंद' की एक जीवनी थी।
उत्तर-4- पिता जी ने लेखक से पाठ्यक्रम की पुस्तकें ध्यान से पढ़ने का वायदा करवाया।
दीर्घ
उत्तर 1- लेखक जब तीसरे दर्जे में भर्ती हुआ तो पिताजी ने लोकनाथ की दुकान से ताजा अनार का शर्बत मिट्टी के कुल्हड़ में पिलाया।
उत्तर 2- बचपन में लेखक के घर नियमित रूप से आर्यमित्र,साप्ताहिक वैदोदय,बालसखा और चमाचम नामक पत्रिका आती थी।
उत्तर 3- 'स्वामी दयानंद' की एक जीवनी रोचक शैली में लिखी हुई और अनेक चिंता से सुसज्जित थी इस पुस्तक में स्वामी दयानंद की जीवन से जुड़ी हुई अनेक रोमांचक घटनाओं का वर्णन था एक घटना लेखक के बालमन को बहुत रोमांचित करती थी इसी कारण बचपन में लेखक को स्वामी दयानंद जी की जीवनी पसंद आई।
उत्तर 4- देवदास फिल्म जिस उपन्यास पर आधारित थी । वह उपन्यास लेखक को के वापस आने में ही मिल गयी इसीलिए लेखक ने देवदास फिल्म नहीं देखी।
Comments
Post a Comment